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जिम जाने वाले हो जाए अलर्ट, हरियाणा में यौवन निखार बॉडी बनाने की आड़ में युवाओं के साथ हो रहा था ये

अंबाला में हुआ नकली दवाओं का भंडाफोड

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अंबाला में हुआ नकली दवाओं का भंडाफोड

mahendra india news, new delhi

अगर आप जिम जाए जा रहे हैं तो आप अलर्ट हो जाए, क्योंकि अंबाला में ऐसा मामला आया है। जिसे आप सुनकर हैरान हो जाएंगे। अंबाला शहर की डिफेंस कॉलोनी में नकली दवाओं की फैक्ट्री में करीबन 1.12 लाख गोलियां बरामद हुई हैं, इसी के साथ साथ करीबन एक हजार इंजेक्शन मिले हैं उनका प्रयोग युवा वर्ग के लिए ही किया जाता है। 


आपको बता दें कि हालांकि इनमें से कई इंजेक्शन व गोलियां चिकित्सक भी अलग-अलग मरीजों के इलाज के लिए करते हैं लेकिन जिम संचालक ही इनका ज्यादातर प्रयोग करते हैं। 


डायरी भी हुई बरामद
आपको बता दें कि इस फैक्ट्री में कोई भी तकनीकी कर्मी नहीं रखा गया था। बिना तकनीकी कर्मी के ही यहां दवाएं बनाई जा रही थी। सेहत विभाग की टीम जब फैक्ट्री में गर्ई। इस  दौरान वहां डायरी भी बरामद की है जिसमें नकली दवा बनाने के फार्मूले लिखे हुए थे। हालांकि पुलिस ने आरोपित अवनीत के खिलाफ कापी राइट एक्ट सहित करीब 10 विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया है


बताया जा रहा है कि आरोपित अवनीत भाटिया इस अवैध फैक्ट्री को चला रहा था। इसी के साथ वह खुद भी जिम कर चुका है और जिम संचालक भी रहा है। उसने मिस्टर इंडिया का खिताब भी अपने शारीरिक सौष्ठव के दम पर जीता था। ऐसे में आरोपित के लिंक बहुत से जिम संचालकों से थे।

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अवैध फैक्ट्री चल रही थी
आरोपित ने तो विभिन्न प्रकार के स्टेरायड खुद ही फैक्ट्री में ही तैयार करने शुरू कर दिए। पिछले करीब एक वर्ष से डिफेंस कालोनी में नकली दवाओं की अवैध फैक्ट्री चल रही थी। ऐसे में माना जा रहा है कि यहां से विदेश के अलावा कई प्रदेशों में यह नकली माल सप्लाई होता था। आरोपित को पुलिस ने रविवार को कोर्ट में पेश किया जहां से उसे रिमांड पर लिया गया है। इस रिमांड के दौरान ही यह खुलासा हो सकेगा कि आरोपित कब से यह धंधा चला रहा था और कहां-कहां माल सप्लाई किया करता था।


आपको ये भी बता दें कि फैक्ट्री में इतनी भारी मात्रा में नकली दवाएं और इंजेक्शन थे कि उनकी गणनातक में स्वास्थ्य विभाग की टीम को समय लगा। यहां पर करीब 10 घंटे चली कार्रवाई के बाद दवाओं की मात्रा और उनके प्रकार का पता चला। बताया जा रहा है कि विभाग द्वारा बरामद किए गए नकली दवाओं की कीमत 50 लाख रुपये से ज्यादा की है। आरोपित खुद ही फैक्ट्री में दवाओं के लेबल से लेकर ड्राई तक यहीं पर तैयार करते थे।