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संसद में राहुल-खरगे बोलते तो उनका माइक बंद कर देते : कुमारी सैलजा

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संसद में राहुल-खरगे बोलते तो उनका माइक बंद कर देते : कुमारी सैलजा 
mahendra india news, new delhi

अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी की महासचिव एवं सिरसा लोकसभा क्षेत्र से इंडिया गठबंधन की कांग्रेस उम्मीदवार कुमारी सैलजा ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी किसी भी स्तर पर राहुल-खरगे का मुकाबला करने को तैयार नहीं हो सकते। संसद में राहुल-खरगे बोलते तो उनका माइक बंद कर देते। अब रिटायर्ड जस्टिस के आग्रह पत्र पर राहुल गांधी खुली बहस के लिए अपनी सहमति दे चुके हैं तो मोदी इससे बचने के लिए रास्ता ढूंढने लगे हैं। मोदी न तो खुली बहस में राहुल-खरगे के किसी सवाल का जवाब दे सकते हैं और न ही ओपन प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्वतंत्र मीडिया का सामना करते सकते हैं। 

कुमारी सैलजा रविवार को अपने प्रचार अभियान के तहत डबवाली विधानसभा क्षेत्र में गांवों व शहरी एरिया में जनसभाओं को संबोधित कर रही थीं। कुमारी सैलजा ने बनवाला, रिसालिया खेड़ा, रत्ताखेड़ा, राजपुरा, रामपुरा बिश्नोइयां, गोरीवाला, मटदादू, झूट्टीखेड़ा, लंबी, मोडी, चकजालू, मुन्नावाली, गोदीकां, अ दारेवाला, चक फरीदपुर, कालूआना, गंगा, सुखराखेड़ा, गिदड़खेड़ा, जंडवाला बिश्नोइयां, चौटाला, तेजा खेड़ा, भारूखेड़ा, आसाखेड़ा, ढाणी सिखां, अबूब शहर, राजपुरा माजरा, सकता खेड़ा, लोहगढ़, जोतांवाली, मसीतां, लखुआना गोबिन्दगढ़, अलीकां, शेरगढ़ आदि गांवों में लोगों ने कुमारी सैलजा व अन्य कांग्रेस नेताओं का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया।

 उन्होंने गांवों के साथ ही डबवाली शहर के वार्ड 5, 6 व 7 में भी विभिन्न स्थानों पर जनसभाओं को संबोधित किया। कुमारी सैलजा ने कहा कि 2014 से लेकर अब तक एक बार भी पीएम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की है। उन्हें सिर्फ चाटुकारिता करने वाले पत्रकार और सवाल पसंद हैं। राहुल गांधी ने 10 हजार किलोमीटर की यात्रा के माध्यम से देश के हर कोने में रहने वाले व्यक्ति के दुख-दर्द को जाना, उसकी पीड़ा को समझा। उसी हिसाब से कांग्रेस के घोषणा पत्र को न्याय पत्र नाम दिया, जिसमें 5 न्याय व 25 गारंटी जनता को देने का ऐलान किया गया है। 

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कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पूरे देश में इस जुमले के होर्डिंग्स लगवा दिए हैं कि वह 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दे रहे हैं। जबकि, हकीकत तो यह है कि यह राशन साल 2013 के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत प्रदान किया जाता है, जिसे डॉ. मनमोहन सिंह ने पारित किया था और तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका विरोध किया था। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई), राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) की रीब्रांडिंग के अलावा कुछ और नहीं है। 


कांग्रेस प्रत्याशी कुमारी सैलजा ने कहा कि 7 अगस्त 2013 को लिखे एक पत्र में गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मोदी ने एनएफएसए का विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि 'केंद्र और राज्य सरकारों को अव्यवहारिक वैधानिक जिम्मेदारियां सौंप दी गई हैं।' साल 2013 में यूपीए द्वारा पारित एनएफएसए, भारत के इतिहास का सबसे ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण कानूनों में से एक था। इसके तहत 75 प्रतिशत ग्रामीण और 50 प्रतिशत शहरी भारतीयों को कानूनी अधिकार के रूप में सब्सिडी वाले राशन की गारंटी मिली थी। आज जब आबादी 141 करोड़ है तो इसके तहत 95 करोड़ लोगों को सब्सिडी वाला राशन मिलना चाहिए, न कि सिर्फ 80 करोड़ लोगों को। कुमारी सैलजा ने कहा कि 2021 में जनगणना कराने में मोदी सरकार की विफलता के कारण ही आज केवल 81 करोड़ लोगों को राशन मिल रहा है। 


इस दौरान विधायक अमित सिहाग, वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉ केवी सिंह, संजय हिटलर, आम आदमी पार्टी से कुलदीप गदराना, कांग्रेस से जग्गा सिंह बराड़, छोटू राम सहारण, जगशीर मिस्त्री, मलकियत सिंह गंगा, राजेश चाडीवाल, आम आदमी पार्टी से पूनम गोदारा, कुलदीप भांभू आदि इंडिया गठबंधन में शामिल पार्टियों के पदाधिकारी, कार्यकर्ता व समर्थक भी मौजूद रहे।