पंजाब के साथ पानी विवाद पर सुप्रीम कोर्ट जाएगी हरियाणा सरकार, नायब सरकार आज करेगी सर्वदलीय बैठक

हरियाणा प्रदेश में पिछले एक पखवाड़ा में जल संकट गहराता जा रहा है। हरियाणा वासी ट्यूवबेल का पानी पी रहे हैं। इससे सेहत भी खराब हो रही है। पंजाब सरकार द्वारा भाखड़ा बांध के कंट्रोल रूम पर ताला लगाने और हरियाणा की मांग के मुताबिक वाटर नहीं दिए जाने पर अब हरियाणा की सरकार कानूनी लड़ाई लड़ने योजना में है। आपको बता दें कि इसी को लेकर पंजाब सरकार की कार्रवाई को चुनौती देने के लिए शुक्रवार को दिनभर कानूनी विशेषज्ञों की टीम मंथन करती रही। एसवाईएल के संबंध में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय को भी भाखड़ा केस में आधार बनाया जाएगा।
वहीं, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भी सर्वदलीय बैठक बुलाई है। सर्वदलीय बैठक कल दोपहर 2 बजे हरियाणा निवास में होगी।
प्रदेश की सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार पानी की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाएगी। प्रदेश सरकार के वकीलों ने इस संबंध में पूर्व में दिए गए निर्णय के बारे में भी पता किया है। इसलिए हम अपने पानी के हक के लिए सुप्रीम कोर्ट में जल्द याचिका दायर करेंगे। हरियाणा प्रदेश को हक का पानी मिलना चाहिए। हर वर्ष जैसी व्यवस्था थी, अब भी वैसी ही है। फिर पंजाब सरकार की ओर से ऐसा ड्रामा क्यों किया जा रहा है?
हरियाणा प्रदेश की सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी ने कहा कि पंजाब की सरकार को समझना चाहिए कि वह आम लोगों के लिए मुश्किल पैदा न करें। दिल्ली में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने जल में जहर मिलाने की बात कही थी। उसी राह पर चलते हुए पंजाब के सीएम भगवंत मान ने अपने पद की गरिमा न रखते हुए पानी रोकने का काम किया। यह पानी पूरी तरह से बीबीएमबी का है और इस सभी का हक है।