JCD मेमोरियल इंजीनियरिंग कॉलेज द्वारा निर्जला एकादशी पर छबील सेवा का आयोजन, जल सेवा करके बने पुण्य के भागीदार:डॉ जयप्रकाश

SIRSA जेसीडी विद्यापीठ, SIRSA के अंतर्गत संचालित जेसीडी मेमोरियल इंजीनियरिंग कॉलेज द्वारा निर्जला एकादशी के पावन अवसर पर एक विशेष छबील सेवा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कॉलेज के छात्रों एवं स्टाफ सदस्यों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और मीठे व ठंडे जल की सेवा द्वारा लोगों को गर्मी से राहत पहुंचाई। कार्यक्रम का शुभारंभ जेसीडी विद्यापीठ के महानिदेशक डॉ. जयप्रकाश ने मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होकर किया। इस अवसर पर उनके साथ जेसीडी विद्यापीठ के विभिन्न कॉलेजों के प्राचार्यगण और स्टाफ सदस्य उपस्थित थे । उन्होंने स्वयं मीठा जल वितरित कर इस सेवा भाव को आगे बढ़ाया।
डॉ. जयप्रकाश ने इस अवसर पर अपने संबोधन में छात्रों एवं स्टाफ के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि निर्जला एकादशी के दिन जल सेवा का विशेष महत्व है। उन्होंने कहा कि इस दिन बिना जल के उपवास रखने का धार्मिक महत्व तो है ही, परंतु इसके साथ-साथ प्यासे को जल पिलाना सबसे बड़ा पुण्य माना गया है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि सिख परंपरा में भी इस मौसम में गुरु अर्जन देव जी के बलिदान की स्मृति में छबील सेवा की परंपरा है, जिससे परोपकार और मानवता का संदेश मिलता है।उन्होंनें कहा कि उन्होंने छात्रों एवं स्टाफ सदस्यों की सराहना करते हुए कहा कि गर्मी के मौसम में पानी पिलाना अपने आप में ही बहुत पुण्य का काम है और निर्जला एकादशी के अवसर पर जल सेवा करने से हम अत्यधिक पुण्य के भागीदार बन जाते हैं। हिंदू धर्म में निर्जला एकादशी के दिन दान पुण्य को बहुत महत्व दिया गया है। इसके अतिरिक्त सिखों के गुरु गुरु अर्जन देव जी के बलिदानों को याद करते हुए और श्रद्धांजलि स्वरूप छबील सेवा का आयोजन किया जाता है। उन्होंने कहा कि छात्रों द्वारा इस प्रकार सेवा करने से उनके मन में भी मनुष्यता के भाव जागृत होते हैं जो उन्हें एक अच्छा इंसान बनने में मददगार सिद्ध होते हैं।इस अवसर पर इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों एवं स्टाफ सदस्यों द्वारा जेसीडी विद्यापीठ के सभी सदस्यों एवं छात्रों को मीठा पानी पिलाकर सेवा की गई।
कार्यक्रम के दौरान छात्रों का उत्साह देखने लायक था। गर्मी की परवाह किए बिना वे निरंतर जल वितरण में जुटे रहे और आने-जाने वाले हर व्यक्ति को सम्मानपूर्वक मीठा पानी पिलाया। कॉलेज परिसर सहित आसपास के क्षेत्रों में भी इस छबील का लाभ लोगों को मिला। यह सेवा न केवल धर्म और परंपरा के प्रति जागरूकता का परिचायक थी, बल्कि छात्रों के भीतर मानवीय मूल्यों और सामाजिक दायित्व के भाव को भी उजागर करती है।
इस आयोजन ने विद्यार्थियों के भीतर सेवा, करुणा एवं संवेदनशीलता जैसे गुणों को और अधिक प्रबल किया। अंत में डॉ. जयप्रकाश ने सभी को ऐसी सेवा भावनाओं को जीवन का हिस्सा बनाने की प्रेरणा दी। इस पुनीत कार्य में संलग्न समस्त छात्रों और स्टाफ सदस्यों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी गईं।