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प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की पुण्यतिथि पर एनएसएस इकाई द्वारा श्रद्धांजलि सभा

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Tribute meeting by NSS unit on the death anniversary of first Prime Minister Pandit Jawaharlal Nehru
mahendra india news, new delhi

गांव बप्पा के विद्यालय प्रांगण में देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की पुण्यतिथि पर राष्ट्रीय सेवा योजना (हृस्स्) इकाई द्वारा एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम अधिकारी नरेश कुमार ग्रोवर, विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री शुभकरण शर्मा जी, समस्त स्टाफ सदस्यगण एवं विद्यार्थियों ने पुष्प अर्पित कर उन्हें सादर श्रद्धांजलि दी।

सभा के मुख्य वक्ता नरेश कुमार ग्रोवर जी ने पंडित नेहरू जी के जीवन, उनके योगदान और उनके व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए "पंडित जवाहरलाल नेहरू केवल एक राजनेता नहीं, बल्कि आधुनिक भारत के निर्माता थे। वे एक दूरदर्शी नेता, कुशल प्रशासक, सशक्त विचारक और बच्चों के प्रति विशेष स्नेह रखने वाले 'चाचा नेहरू' के रूप में आज भी हमारे दिलों में जीवित हैं। उन्होंने स्वतंत्र भारत की नींव रखने में जिस धैर्य, विवेक और योजना का परिचय दिया, वह अद्वितीय है।उनकी शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता ने देश को आईआईटी, आईआईएम और अन्य उच्च शैक्षिक संस्थानों की सौगात दी। वे विज्ञान और तकनीकी विकास के प्रबल समर्थक थे। उन्होंने कहा था— 'जो राष्ट्र विज्ञान में आगे नहीं बढ़ता, वह पिछड़ जाता है।'पंडित नेहरू जी ने पंचवर्षीय योजनाओं के माध्यम से देश को औद्योगिक विकास की दिशा में अग्रसर किया। उन्होंने लोकतंत्र की नींव को मजबूत करते हुए धर्मनिरपेक्षता, समाजवाद और राष्ट्रीय एकता जैसे मूल्यों को सुदृढ़ किया।उनकी विदेश नीति में 'गुटनिरपेक्षता' की नीति ने भारत को विश्व मंच पर एक स्वतंत्र और निष्पक्ष राष्ट्र के रूप में स्थापित किया। उनकी विचारशीलता, सहिष्णुता और मानवता के प्रति अगाध विश्वास ने उन्हें एक वैश्विक नेता बनाया।
चाचा नेहरू जी को बच्चों से विशेष प्रेम था। उनका मानना था कि— 'आज के बच्चे ही कल के भारत का निर्माण करेंगे।' उनके इसी दृष्टिकोण के कारण 14 नवम्बर को 'बाल दिवस' के रूप में मनाया जाता है।"**
कार्यक्रम के अंत में प्रधानाचार्य श्री शुभकरण शर्मा जी ने नेहरू जी के विचारों को आत्मसात करने का आह्वान किया और विद्यार्थियों से कहा कि वे अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से निर्वहन करें, जिससे राष्ट्र निर्माण में उनकी भी भागीदारी हो प्रकार विद्यालय में नेहरू जी की पुण्यतिथि पर श्रद्धा और सम्मान के साथ एक प्रेरणादायक वातावरण निर्मित हुआ।