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पीएम मोदी ने जिन बकरी जितनी गायों को खिलाया था चारा वे कहां मिलती हैं, कितना देती हैं दूध

जानिए कौन सी नस्ल की ये गाय क्यों है खास 
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जानिए कौन सी नस्ल की ये गाय क्यों है खास 

mahendra india news, new delhi

गाय को हम मां मानते हैं, गाय हमारी संस्कृति से जुड़ी हुई है। इसी को लेकर हर उत्साह में गाय को याद किया जाता है। देश के पीएम नरेंद्र मोदी के साथ बीते दिनों छोटे कद वाली गायों को देखकर कई व्यक्तियों को ताज्‍जुब हुआ। जब देश के पीएम ने मकर संक्रांति के दिन अपने आवास पर इन्‍हें चारा खिलाते दिखे थे। 


आपको बता दें कि पीएम ने इंटरनेट मीडिया पर गायों के साथ अपनी तस्‍वीरें शेयर की थीं। अब आपको बता दें कि ये सभी गाय पुंगनूर नस्‍ल की थीं। आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में ये गाय पाई जाती हैं। इस नस्‍ल की गाय ज्‍यादा चारा भी नहीं खाती हैं। 


बता दें कि पुंगनूर एरिया में होने के कारण इन्‍हें पुंगनूर गाय कहते हैं। ये शुद्ध देसी गाय हैं। पुंगनूर एक देसी नस्ल है। इन नस्‍ल की गाय दक्षिणी आंध्र प्रदेश के रायलसीमा क्षेत्र में चित्तूर जिले के पुंगनूर, वायलापाडु, मदनपल्ली और पालमनीर तालुका में पाई जाती हैं। 

बता देें कि ये गायों की अलग तरह की बौनी नस्ल है। इन्‍हें विश्व में सबसे छोटे कूबड़ वाली गाय माना जाता है। इनका छोटा आकार इन्हें घर में रखना आसान बनाता है। पुंगनूर गायें सफेद, भूरे, हल्के या गहरे भूरे और काले रंग की होती हैं। इन गायों के सींग छोटे और अर्धचंद्राकार के होते हैं। इनकी लंबाई बमुश्किल 10 से 15 सेमी होती है। नर मवेशियों (बैलों) में अक्‍सर सींग पीछे और आगे की ओर मुड़े होते हैं। गायों में ये सीधी और आगे की ओर मुड़ी होती हैं। 

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पुंगनूर नस्‍ल एक समय विलुप्त होने के कगार पर थी। देशभर में उनकी संख्या तीन हजार से भी कम हो गई थी। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में इनकी संख्या बढ़ी है। 2019 में 20वीं पशुधन जनगणना में पशुधन और मुर्गी पालन की नस्ल-वार रिपोर्ट बताती है कि पुंगनूर की कुल संख्या 13,275 थी।


आपको ये भी बता दें कि पुंगनूर गाय बहुत ज्‍यादा नहीं खाती हैं। प्रतिदिन इन्‍हें 5 किलोग्राम तक चारे की जरूरत होती है। इससे 3 लीटर दूध प्रतिदिन लिया जा सकता है। कुछ गायें और भी ज्‍यादा दूध दे सकती हैं। एक गाय किसी भी भरे पूरे परिवार की दूध की जरूरत को पूरा कर सकती है। छोटे आकार के कारण इन्‍हें पालना बहुत आसान है।