चैत्र नवरात्रि आज से, घट स्थापना का शुभ मुहूर्त इस समय और पूजा सामग्री की देखेे लिस्ट

 
Chaitra Navratri starts today, see the auspicious time of Ghat establishment and the list of worship materials
 | 
 Chaitra Navratri starts today, see the auspicious time of Ghat establishment and the list of worship materials
mahendra india news, new delhi

चैत्र नवरात्रि को लेकर हर किसी को इंतजार रहता है। चैत्र नवरात्रि आज रविवार से शुरू हो गये हैं। चैत्र नवरात्रि को लेकर मंदिरों में आज सुबह से ही पूजा अर्चना की जा रही है। पूजा-विधि, घट स्थापना का शुभ मुहूर्त से लेकर पूजा सामग्री की लिस्ट के बारे में आपको जानकारी दे रहे हैं। 
वैसे देखे तो हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र नवरात्रि चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होती है। हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व होता है। नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है।
पंडित सुरेश शर्मा ने बताया कि मां दुर्गा को सुख-समृद्धि और धन की देवी कहा जाता है। नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की विधि-विधान से पूजा की जाती है। इसी को लेकर मान्यता है कि नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करने वाले भक्तों पर माता रानी की कृपा रहती है। चैत्र नवरात्रि के साथ ही हिन्दू नववर्ष का आरंभ होता है। चैत्र नवरात्रि हिन्दू नववर्ष के प्रथम दिन से आरम्भ होती है।

उन्होंने बताया कि इस बार प्रतिपदा तिथि 29 मार्च 2025 को शाम चार बजकर 27 मिनट पर शुरू होगी और 30 मार्च 2025 को दोपहर 12 बजकर 49 मिनट पर खत्म होगी। चैत्र नवरात्रि 30 मार्च 2025, संडे से शुरू होंगे।


उन्होंने बताया कि घट स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 13 मिनट से शुरू होगा और सुबह दस बजकर 21 मिनट तक रहेगा। घटस्थापना का अभिजित मुहूर्त दोपहर 12 बजे से दोपहर 12 बजकर 50 मिनट तक रहेगा। घटस्थापना की कुल अवधि 50 मिनट की रहेगी।

ये पूजा सामग्री की लिस्ट- 
चैत्र नवरात्रि को लेकर पूजा की लिस्ट के बारे में आपको बता दें, पूजा सामग्री मेें आम के पत्ते, चावल, लाल कलावा, गंगा जल, चंदन, नारियल, इलायची, पांच पान, सुपारी, मिट्टी का बर्तन,कपूर, जौ, गुलाल, लौंग, फल, मिट्टी के बर्तन, श्रृंगार का सामान, आसन, कमलगट्टा आदि।

WhatsApp Group Join Now

ये हैं पूजा-विधि:
जो भी चैत्र नवरात्रि रखते हैं सुबह उठकर जल्दी स्नान कर लें, फिर पूजा के स्थान पर गंगाजल डालकर उसकी शुद्धि कर लें।

घर के मंदिर में दीपक प्रज्वलित करें।

इसके बाद मां दुर्गा का गंगा जल से अभिषेक करें।

इसके बाद मां को अक्षत, सिन्दूर और लाल पुष्प अर्पित करें, प्रसाद के रूप में फल और मिठाई चढ़ाएं।

धूप और दीपक जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें और फिर मां की आरती करें।

मां को भोग भी लगाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाए। 

News Hub