इस दिन अद्भुत खगोलीय घटना होने वाली है, 2,700 सालों के बाद रात के समय आसमान में चमकते तारों की होगी बरसात

आसमान से पानी की बरसात होती आपने सुनी होगी। इस इस अप्रैल माह के अंदर आकाश में एक अद्भुत खगोलीय घटना होने वाली है, वह है लिरिड उल्का बरसात, जो करीबन 2,700 सालों के बाद देखने को मिलेगी। से देखी जा रही है। यह उल्का वर्षा 17 से 26 अप्रैल 2025 तक सक्रिय रहेगी और इसका चरम 21 अप्रैल की रात से 22 अप्रैल की सुबह तक होगा।
देखने का सर्वोत्तम वक्तऔर स्थान (भारत में)
जानकारी के मुताबिक लिरिड उल्का वर्षा की गतिविधि 21 अप्रैल की रात्रि से बढ़कर 22 अप्रैल की सुबह तक चरम पर होगी। भारत देश में लिरिड उल्का वर्षा में इसे देखने का सबसे अच्छा समय मध्यरात्रि के बाद से सूर्योदय से पहले तक रहेगा। इस दौरान चंद्रमा केवल 25-35 फीसद प्रकाशित होगा और सुबह करीबन 3:30 बजे उदय होगा, जिससे आकाश अपेक्षाकृत अंधकारमय रहेगा और देखने की स्थिति अनुकूल बनी रहेगी।
क्या उम्मीद करें?
जानकारी के अनुसार आदर्श परिस्थितियों में, जैसे कि खुले और अंधेरे आकाश में प्रति घंटे 15-18 उल्काएं देखी जा सकती हैं। लिरिड उल्काएं अपनी तेज़ गति और चमक के लिए जानी जाती हैं, और कभी-कभी बहुत तेज़ चमक वाले "फायरबॉल्स" भी दिखाई दे सकते हैं।
इन उल्काओं की उत्पत्ति
लिरिड उल्का बरसात तब होती है जब पृथ्वी धूमकेतु सी/1861 जी1 द्वारा छोड़े गए मलबे के मार्ग से गुजरती है। यह एक लंबी कक्षा वाला धूमकेतु है, जो हर 415 सालों में सूरज की परिक्रमा करता है। जब इसके छोड़े गए धूल के कण पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते हैं, तो वे जल उठते हैं और चमकीले उल्काओं के रूप में दिखाई देते हैं।
कैसे देखें?
जानकारी के अनुसार आपको बता दें कि इस उल्का बरसात का आनंद लेने के लिए किसी दूरबीन या विशेष उपकरण की आवश्यकता नहीं है। केवल अपनी आंखों से देख सकते हैं। शहर की रोशनी से दूर कोई अंधकारमय स्थान चुनें। पूर्वोत्तर दिशा की ओर लेटकर या आसमान की ओर देखने के लिए कोई आरामदायक स्थिति अपनाएं। अपनी आँखों को अंधेरे में समायोजित करने के लिए कम से कम 20-30 मिनट का समय दें और मोबाइल स्क्रीन से दूरी बनाए रखें। उल्काएं एक बार में नहीं आतीं, इसलिए कम से कम एक घंटे का समय जरूर दें।
अगली उल्का बरसात
लिरिड के बाद अगली प्रमुख उल्का वर्षा एटा एक्वारिड्स होगी, जो 19 अप्रैल से 28 मई तक सक्रिय रहेगी। इसका चरम 5 से 6 मई की रात्रि को होगा। यह उल्का बरसात प्रसिद्ध हैली के धूमकेतु से जुड़ी हुई है। भारत से इसे सूर्योदय से पहले के समय में अच्छी तरह देखा जा सकता है। आप इस आसमान की शानदार घटना का अवश्य आनंद लें और प्रकृति के इस चमत्कार से जुड़ने का अवसर न गंवाएं।