सिरसा जिला के गांव नहराना में लगा गडरिया लोहारों का उत्तरी भारत का सबसे बड़ा मेला, कुश्ती दंगल के साथ हुआ जगराता

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सिरसा जिले के गांव नहराना पिछले दो दिनों से आस्था का केंद्र बना हुआ है। यहां पर गडरिया लोहारों के उत्तरी भारत का सबसे बड़ा मेला का आयोजन किया गया। मेले में हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, यूपी, दिल्ली, चंडीगढ़ समेत अन्य प्रदेशों के लुहार जाति के लोग पहुुंचे। उन्होंने गांव में बने मंदिर देव पीर लुहार खेमा समाधि स्थल पर माथा टेक कर सुख शांति की कामना की। मेले को लेकर देव पीर लुहार खेमा समाधि स्थल सेवादार समिति ने सभी प्रकार की व्यवस्था की। गौरतलब है गांव में बने मंदिर पर हर वर्ष 27 अप्रैल को मेला का आयोजन किया जाता है। इस मेले में दूर दराज से लुहार जाति के लोग माथा टेकने के लिए आते हैं। 

  सिरसा जिला के गांव नहराना में लगा गडरिया लोहारों का उत्तरी भारत का सबसे बड़ा मेला, कुश्ती दंगल के साथ हुआ जगराता 

ढोल बजाकर किया स्वागत 
गांव नहराना में मंदिर देव पीर लुहार खेमा समाधि स्थल पर लुहार जाति के लोग विभिन्न वाहनों में रविवार सुबह से ही पहुंचने लगे। रविवार शाम को काफी भीड़ बढ़ गई। मंदिर परिसर में पहुंचने वालों का ढोल बजाकर स्वागत किया गया। इसी के साथ ही रविवार शाम को कुश्ती का दंगल हुआ। जिसमें विभिन्न प्रदेशों से आए लुहार जाति के पहलवानों ने दम खम दिखाया। 

जगराता पर झूमे 
गांव नहराना में मंदिर देव पीर लुहार खेमा समाधि स्थल पर रविवार रात्रि को जगराता का आयोजन किया गया। इस दौरान कलाकारों ने एक से बढ़कर देव पीर लुहार खेमा के भजन गाए। भजनों को सुनकर पंडाल में बैठे लोग झूमने पर मजबूर हो गये। 
-ग्रामीण करते है पूरा सहयोग 
गांव नहराना में मंदिर देव पीर लुहार खेमा समाधि स्थल पर दूर दराज से लोग पहुंचते है। यहां पर पहुंचने वालों की मेहमान बाजी में ग्रामीण कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। ग्रामीण हर प्रकार से दूर दराज से आए लुहार जाति के लोगों का सहयोग करते हैं। लुहार डोजी ने बताया कि हमारा हर वर्ष मेला लगता है, इसमें ग्रामीण बहुत ही बड़ा सहयोग करते हैं। समिति के प्रधान सुनील बैनीवाल ने बताया कि यहां पर हर वर्ष मेला आयोजित किया जाता है। समिति के द्वारा हर प्रकार की व्यवस्था की जाती है। 

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