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इस जनवरी माह में किसान मसूर व मटर की खेती कर करें अच्छी आमदनी

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This January, farmers can earn good income by cultivating lentils and peas
mahendra india news, new delhi

जनवरी माह मेें किसान मसूर व मटर की खेती कर सकते हैं। ठंड का मौसम चल रहा है। इस माह जनवरी के माह में भारत में रबी फसलों की बुवाई का समय होता है. इस माह के दौरान किसान कई ऐसी फसलों की बुवाई कर सकते हैं, जो अच्छा मुनाफा दे सकती हैं. इनमें मटर और मसूर शामिल हैं। इन फसलों की बुवाई जनवरी के पहले सप्ताह से शुरू होती है और मार्च के अंतिम माह तक चलती है. ये फसलें कम वक्त में तैयार हो जाती हैं और इनकी खेती के लिए बहुत अधिक देखभाल की आवश्यकता भी नहीं होती है. जो किसान इन फसलों की खेती करते हैं उन्हें अच्छी उपज मिलती है और इनका बाजार में रेट भी अच्छा होता है।

इसी के साथ ही इस माह में राई सरसों, अलसी और सूरजमुखी की खेती भी जनवरी माह में कर सकते हैं. ये भी प्रमुख रबी फसलें हैं. इन फसलों की बुवाई जनवरी के दूसरे सप्ताह से प्रारम्भ हो जाती और मार्च के अंत तक चलती है. इन फसलों के अलावा आप पत्ता गोभी, पत्ता ककड़ी, टमाटर, बैंगन, खीरा, लौकी, पालक की खेती कर सकते हैं।

इन बातों का रखें ध्यान
कृषि विभाग के कृषि विकास अधिकारी डा. शैलेंद्र कुमार ने बताया कि किसी भी फसल की खेती करने से पहले किसान भाई मिट्टी की जांच करवा लें और उसके अनुसार उर्वरकों का इस्तेमाल करें. साथ ही फसलों को समय-समय पर सिंचाई करें। फसलों को कीटों और बीमारियों से बचाने के लिए उचित उपाय करें। 

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कृषि विकास अधिकारी ने बताया कि मसूर व मटर की फसल से किसानों को कम लागत में अच्छा मुनाफा मिल सकता है. लेकिन जरूरी है कि किसान मटर की फसल की बुवाई के वक्त ही कुछ जरूरी उपाय कर लें, क्योंकि मटर की फसल में उकठा रोग लगता है। इससे कई बार धीरे-धीरे पूरी फसल बर्बाद हो जाती है और किसानों को अपनी लागत निकालना भी कठीन हो जाता है। इसके लिए किसानों को मटर की फसल की बुवाई मृदा शोधन करने के साथ-साथ बीज उपचारित करने के बाद ही करें. इसके अलावा कोशिश करें कि मटर की फसल की बुवाई बेड बनाकर या फिर कूड़ बनाकर मेड के ऊपरी सिरे पर लगाएं.

बीज उपचार करें किसान
उकठा रोग मिट्टी में मौजूद फफूंदी के कारण फैलता है. जिसमें पौधे जड़ से सुख जाते हैं. जरूरी है कि किसान बुवाई करने से पहले मृदा शोध करें। मृदा शोध करने के लिए 2 किलोग्राम ट्राईकोडर्मा को 35 से 40 किलो गोबर की सड़ी हुई खाद में मिलाकर 10 दिन तक छायादार स्थान पर रखें। इसके बाद तैयार हुए पूरे मिश्रण को पूरे खेत में बिखेर कर मटर की फसल की बुवाई कर दें।

कैसे करें बीज का उपचार?
कृषि अधिकारी ने बताया कि किसी भी फसल की बुवाई करने से पहले बीज उपचारित करना एक अहम क्रिया है. वहीं दलहन की फसल मटर की बुवाई करते समय भी किसानों को भी उपचारित करना चाहिए. बीज उपचारित करने के लिए किसान 2.5 ग्राम कार्बेंडाजिम प्रति किलोग्राम बीज के हिसाब से इस्तेमाल कर सकते हैं। इसी के साथ ही किसान 1 ग्राम कार्बेंडाजिम और 2 ग्राम थीरम को मिलकर भी बीज उपचारित कर सकते हैं. उपचारित बीज को उपचारित भूमि में बुवाई करने से उकठा रोग नहीं लगता बीज का जमाव भी बेहतर होता है.