सिरसा में निरंकारी महिला संत समागम: मनुष्य जीवन का परम उद्देश्य परमात्मा की प्राप्ति होना चाहिए: निर्मला मनचंदा

संत निरंकारी मिशन की ओर से सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज की असीम कृपा से संडे के दिन सिरसा के बरनाला रोड स्थित संत निरंकारी सत्संग भवन में एक विशाल निरंकारी महिला संत समागम का आयोजन किया गया, जो कि पूरे क्षेत्र में एक आध्यात्मिक संदेश पहुंचाने में सफल रहा। इस आध्यात्मिक कार्यक्रम में जहां एक तरफ धर्मप्रेमी बहनों और भाइयों ने आनंद प्राप्त किया, वहीं नवागंतुक और जिज्ञासु भाई-बहन भी पहुंचे। गुरुग्राम से पहुंची प्रचारक बहन निर्मल मनचन्दा ने अपने विचारों से आध्यात्मिक संदेश दिया। सत्संग समाप्ति के पश्चात श्रद्धालुओं के लिए लंगर भंडारे की भी व्यवस्था की गई थी। इस दौरान प्रचारक बहन निर्मल मनचन्दा ने कहा कि मनुष्य जीवन का परम उद्देश्य परमात्मा की प्राप्ति होता है और प्रभु परमात्मा की प्राप्ति कोई असंभव कार्य नहीं है। इसके लिए पूर्ण सतगुरु की शरण में जाना होता है और अपनी जिज्ञासा प्रकट करनी होती है। साधु की संगत जीवन में बदलाव लाती है, खुशहाली लाती है और दुख दूर होते हैं। उन्होंने अनेकों सामाजिक और दैनिक जीवन के उदाहरण देते हुए कई आध्यात्मिक पहलुओं को बड़ी बारीकि से समझाया, जिसे वहां मौजूद श्रद्धालुओं ने पूरी श्रद्धा से सुना। उन्होंने इस क्षेत्र में पहुंचने पर प्रसन्नता व्यक्त की। इस कार्यक्रम में अनेकों महिला श्रद्धालुओं ने भी शब्द गायन, भजन, विचार के माध्यम से अपने भाव व्यक्त किए। इस समागम का संचालन पूरी तरह से महिला श्रद्धालुओं द्वारा ही किया गया था, जिसकी सभी ने प्रशंसा भी की।
संत निरंकारी मिशन के जोनल इंचार्ज रमन नागपाल की धर्मपत्नी सुनीता नागपाल ने प्रचारक बहन का परिचय देते हुए बताया कि बहन निर्मल मनचन्दा गुरुग्राम की संयोजक हैं, जो सतगुरु के आदेश पर सिरसा में विशेष रूप से पहुंची हैं। रमन नागपाल ने उनका अभिनंदन करते हुए उनके और सतगुरु के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की और कहा कि इस क्षेत्र में ऐसे पूर्ण ब्रह्मज्ञानी संतों का आना और आध्यात्मिक संदेश देना एक परोपकार का काम है। उन्होंने बताया कि यहां सिरसा के अलावा जींद व फतेहाबाद जिले से भी महिला श्रद्धालु पहुंचे हैं।