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राजस्थान में बागी बिगाड़ रहे हैं बीजेपी और कांग्रेस के समीकरण, विधानसभा चुनाव में कई सीटों पर दोनों पार्टियों के लिए बने परेशानी

जानिए किन सीटों पर बागी पैदा कर रहे हैं इन पार्टियों के लिए अड़चन
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जानिए किन सीटों पर बागी पैदा कर रहे हैं इन पार्टियों के लिए अड़चन

mahendra india news, new delhi

राजस्थान में इसी 25 नवंबर को विधानसभा के चुनाव होने जा रहे हैं। चुनाव को लेकर सभी पार्टी अपने प्रत्याशी के लिए जी जान से जुटी हुई है। इस विधानसभा चुनाव में करीबन दो दर्जन बागी कांग्रेस और बीजेपी के लिए परेशानी बने हुए हैं। 


यह बागी बीजेपी और कांग्रेस के चुनावी समीकरण बिगाड़ रहे हैं। इन्हे मनाने की कोशिश भी हुई, लेकिन दोनो ही पार्टियों के दो दर्जन मजबूत बागियों ने चुनाव मैदान में हटने से साफ इनकार किया हुआ है। दोनों ही पार्टियों ने सत्ता में आने पर राजनीतिक नियुक्ति देकर उपकृत करने और लोकसभा व राज्यसभा चुनाव में उनके नाम पर विचार करने की बात भी कही गई। कुछ ही विधानसभा क्षेत्रों में कार्य कर सका है। 

आपको बता दें कि बीजेपी में बागियों को मनाने की कमान केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी, जलशक्ति मंत्री वसुंधरा राजे, प्रदेश प्रभारी अरूण सिंह, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे व प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने सम्भाली। सांचौर सीट पर पूर्व विधायक जीवाराम के निर्दलीय चुनाव लडऩे से बीजेपी प्रत्याशी और सांसद देवजी पटेल परेशानी में है। चौधरी को पूर्व विधायक दानाराम का समर्थन मिला हुआ है। चित्तोडग़ढ़ सीट पर पूर्व विधायक चंद्रभान आक्या भाजपा प्रत्याशी नरपत सिंह राजवी के समीकरण बिगाड़ रहे हंै।

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वहीं बता दें कि शिव सीट पर रविंद्र सिंह भाटी बीजेपी प्रत्याशी के लिए मुश्किल का कार्य बने हुए हैं। सूतगढ़ में पूर्व एमएलए राजेंद्र भादू, डीडवाना में यूनुस खान, लाडपुरा में पूर्व संसदीय सचिव भवानी सिंह राजावत, खंडेला में बंशीधर बाजिया, झुंझुंनूं में राजेंद्र भांबू, फतेहपुर में मधुसुदन, शाहपुरा में पूर्व विस अध्यक्ष कैलाश मेघवाल और अनूपगढ़ में शिमला बावरी बीजेपी के अधिकृत प्रत्याशियों केझोटवाड़ा सीट पर पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत की समझाश करने में पार्टी सफल रही है। 

आपको बता दें कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से बातचीत के बाद उन्होंने वीरवार को अपना नाम वापस ले लिया। चौहटन के पूर्व एमएलए तरूण राय कागा और शिव के पूर्व विधायक जालम सिंह रावलोत राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी में शामिल होकर बीजेपी प्रत्याशियों के लिए मुश्किल का कारण बने हैं।


 

इसी के साथ साथ सरदारशहर सीट पर राजकरण चौधरी, मसूदा में पूर्व संसदीय सचिव ब्रहमदेव कुमावत, हिंडौन में बृजेश जाटव, मनोहर थाना में पूर्व विधायक कैलाश मीणा, अजमेर दक्षिण में हेमंत भाटी, नगर में गोविंद शर्मा, शाहपुरा में विधायक आलोक बैनीवाल, नागौर में पूर्व मंत्री हबीर्बुर रहमान एवं राजगढ़ लक्ष्मणगढ़ में एमएलए जौहरी लाल मीणा ने कांग्रेस प्रत्याशियों के चुनावी समीकरण बिगाड़ रखे हैं। जौहरीलाल ने तो कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जितेंद्र सिंह पर रुपये लेकर टिकट देने का आरोप लगाया है। 


 

इसी के साथ साथ अजमेर दक्षिण से कांग्रेस के बागी हेमंत भाटी ने नाम वापस ले लिया। बसपा के 4 उम्मीदवारों ने वीरवार को नाम वापस ले लिया। इनमें सांगानेर से उम्मीदवार रामलाल ने कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा की है। हवामहल से तरूणा पाराशर, सिविल लाइंस से अरूण चतुर्वेदी एवं आदर्शन नगर से हसन राजा चुनाव दंगल से हट गये हैं।