सिरसा में रोडवेज कर्मचारियों ने लिया बड़ा फैसला, मांग पूरी नहीं होने पर करेंगे ये काम
Roadways employees took a big decision in Sirsa, will do this if their demands are not met

हरियाणा के सिरसा में हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन स बंधित सर्व कर्मचारी संघ सिरसा डिपो के कर्मचारियों द्वारा बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक की अध्यक्षता डिपो प्रधान पृथ्वी सिंह चाहर ने की तथा बैठक का संचालन डिपो सचिव सतपाल सिंह रानियां ने किया। इस अवसर पर मुख्य सलाहकार धर्मवीर सिंह सहारण, डिपो कोषाध्यक्ष रविंद्र कुमार, मीडिया प्रभारी सुनील कुमार शर्मा, कार्यालय सचिव हीरालाल, उप प्रधान संदीप कुमार तथा अन्य पदाधिकारीगण व कर्मचारीगण मौजूद थे।
राज्य वरिष्ठ उप प्रधान शिवकुमार श्योरान, राज्य उपमहासचिव पवन शर्मा, राज्य प्रेस सचिव व डिपो प्रधान पृथ्वी सिंह चाहर ने बोलते हुए कहा कि रोडवेज कर्मचारियों की विभिन्न मांगें पिछले लंबे समय से लंबित हैं। सरकार कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान ना करके उल्टे विभाग को ही निजीकरण की तरफ धकेल रही है। हाल ही में सरकार ने नई इलेक्ट्रिक बसें प्राइवेट हाथों में देने का निर्णय किया है।
यूनियन मांग करती है कि सरकार इलेक्ट्रिक बसों को निजी हाथों में देने के निर्णय को रद्द करें तथा परिवहन विभाग में सरकारी बसें शामिल करें। उन्होंने कहा एक इलेक्ट्रिक बस के बदले साधारण 6 बसें आती है, जो पूरे हरियाणा प्रदेश में सभी डिपो में 50-50 बसें लेने का जो निर्णय है अगर उसकी जगह पर साधारण 300-300 बसें डिपो के बेड़े में शामिल हो तो हरियाणा प्रदेश में लगभग 7200 से अधिक बसें उपलब्ध होगी। एक बस पर 6 बेरोजगारों को रोजगार मिलता है। इस प्रकार सरकारी बसों पर 43200 बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा और जनता को बेहतर परिवहन सेवा मिलेगी। अगर इलेक्ट्रिक बसें ही सरकार चलाना चाहती है तो सरकार खुद अपनी बसें खरीदें और रोडवेज के बेड़े में शामिल करें।
विभाग में किलोमीटर स्कीम, स्टेज कैरीज स्कीम 2016 रद्द की जाए एवं 362 रुटों पर 3658 प्राइवेट परमिट देने का निर्णय रद्द करने सहित निजीकरण ठेका प्रथा पर पूर्ण रोक लगाई जाए। प्रदेश में बढ़ती आबादी अनुसार विभाग में 10000 सरकारी बसें शामिल कि जाए। पीपीपी व निजी इलेक्ट्रिक बसों की बजाय विभाग में सरकारी इलेक्ट्रिक बसें शामिल की जाए। सरकार द्वारा 2006 के बाद भर्ती सभी कर्मचारियों पर एनपीएस की बजाय पुरानी पेंशन स्कीम लागू की जाए। परिचालकों व लिपिकों का वेतनमान अपग्रेड करके 35400 किया जाए। चालक मैकेनिक स्टोर कीपर कैशियर सहित सभी श्रेणियां की वेतन विसंगति दूर की जाए। हैवी चालक का वेतनमान 53100 किया जाए। परिचालक से उप निरीक्षक व निरीक्षक की पदोन्नति होने पर अन्य श्रेणियां की भांति एक वेतन वृद्धि दी जाए। वर्ष 2016 में ठेके पर भर्ती चालकों सहित सभी एचकेआरएन कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाए। कौशल रोजगार निगम के कर्मचारियों को पक्का किया । कार्यशाला सहित सभी श्रेणियां में खाली पड़े पदों पर पक्की भर्ती की जाए। सभी श्रेणियां के खाली पड़े पदों पर पदोन्नति की जाए। विभाग में 1992 से 2004 के मध्य लगे सभी श्रेणियां के कर्मचारियों को नियुक्ति तिथि से पक्का किया जाए। तकनीकी वेतनमान से वंचित कार्यशाला व स्टोर के सभी कर्मचारियों को तकनीकी वेतनमान दिया जाए। कर्मचारियों के कम किए गए अवकाश पहले की तरह लागू किया जाए। बोनस की स्थाई नीति बनाकर विभाग में कार्यरत सभी कर्मचारियों को पुलिस कर्मचारियों की भांति एक माह के वेतन के समान बोनस दिया जाए। 9 वर्ष के बकाया बोनस का भुगतान शीघ्रता से किया जाए। यूनियन के सुझाव अनुसार तबादला नीति में संशोधन किया जाए व कर्मचारियों की ईच्छा के अनुसार केवल तीन डिपो के ऑप्शन लेकर नजदीक के डिपो में ही तबादला किया जाए। ऑनलाइन ट्रांसफर नीति के तहत जिन कर्मचारियों के गलत तबादले हुए हैं वह वापस किया जाए एवं कर्मचारियों के आपसी स्थानांतरण खोले जाएं। कर्मचारियों की फैमिली पास में बच्चों की आयु सीमा बढ़ाकर 30 वर्ष की जाए। तत्कालीन मु यमंत्री की घोषणा के अनुसार सेवानिवृत कर्मचारियों को फ्री यात्रा सुविधा पूर्व की भांति शुरू की जाए तथा फ्री यात्रा सुविधा पति-पत्नी दोनों को दी जाए। कर्मचारी नेताओं ने बताया कि बस इन सभी मांगों को लेकर पूरे प्रदेश के हजारों रोडवेज के कर्मचारी 24 मार्च को दिल्ली कूच में भाग लेकर जंतर मंतर पर एक दिन का सांकेतिक धरना देंगे तथा 8 मार्च को रोहतक में सांझा मोर्चा की कन्वेंशन में लिए गए निर्णय अनुसार प्रत्येक डिपो में अप्रैल माह में चरणबद्ध तरीके से 24 घंटे की भूख हड़ताल की जाएगी और 3 अप्रैल को सिरसा डिपो में 24 घंटे भूख हड़ताल की जाएगी ।