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सिरसा के बिश्नोई मन्दिर में सात दिवसीय जा भाणी संस्कार शिविर का शुभारंभ, ये सिखाया

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Seven day Ja Bhaani Sanskar camp started at Bishnoi temple of Sirsa, this is what was taught
mahendra india news, new delhi
 बिश्नोई सभा सिरसा व जा भाणी साहित्य अकादमी, बीकानेर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित समाज के छात्र-छात्राओं हेतु सात दिवसीय जा भाणी संस्कार शिविर का शुभार भ सभा प्रधान खेम चन्द बैनीवाल व अन्य प्रतिष्ठित महानुभावों द्वारा पवित्र ज्योत प्रज्जवलन के साथ किया गया। शिविर में सिरसा व आस पास के किशोरावस्था आयु वर्ग के बच्चों ने भाग लिया। शिविर में सर्वप्रथम प्रचार सचिव डा. मनीराम सहारण ने शिविर कार्यक्रम की रूप रेखा का वर्णन किया। तत्पश्चात बिश्नोई पंथ का आधार 29 धर्म नियमों की दिनचर्या अनुसार व्यवहारिक रूप से चर्चा की तथा विद्यार्थियों को इनकी सख्ती से पालना करने पर जोर डाला। उन्होंने बताया कि गुरु जा भो जी द्वारा प्रदत ये नियम 'जीवां न जुगति व मुआं न मुक्तिÓ उद्देशिय के लिये आवश्यक हैं। 
फतेहाबाद से पधारे विद्वान वक्ता पृथ्वी सिंह धतरवाल ने पवित्र ग्रन्थ सबदवाणी पर प्रकाश डाला व बताया कि किस प्रकार जा भोजी ने इन सबदों के माध्यम से जीवन यापन करने का उत्तम मार्ग दिखाया। दूसरे वक्ता पुरुषोतम शास्त्री ने कविता रूप में गुरु महाराज की शिक्षाओं का वर्णन किया तथा बच्चों को इनकी पालना के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर सभा उपाध्यक्ष कृष्ण पाल बैनीवाल, सचिव ओपी बिश्नोई, कार्यकारिणी सदस्यों में सविता बिश्नोई, हनुमान गोदारा, देश कमल सीगड़, कृष्ण लाल बैनीवाल के अतिरिक्त जगदीश बैनीवाल, दारा सिंह, सुरेन्द्र कस्वां, जिले सिंह गोदारा, सुनिता, हंसराज मांझ, रक्षित गोदारा आदि उपस्थित जनों ने शिविर संचालन में विशेष भूमिका निभाई। दोपहर बाद के आखरी सत्र में निबन्ध प्रतियोगिता के साथ आज का कार्यक्रम स पन्न हुआ।