सिरसा की दशकों पुरानी समस्या का होगा स्थाई समाधान, नप चुनाव से पहले मंजूर करीब 40 करोड़ के टेंडर पर कार्य हुआ शुरू

mahendra india news, new delhi
हरियाणा के सिरसा में बरसात से जलभराव की परेशानी के स्थाई समाधान के लिए पूर्व गृह राज्यमंत्री एवं हरियाणा लोकहित पार्टी के अध्यक्ष गोपाल कांडा द्वारा मंजूर करवाए गए स्टॉर्म वॉटर प्रोजेक्ट के दूसरे चरण का कार्य शुरू हो गया है। विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व मंत्री गोपाल कांडा ने व्यक्तिगत प्रयासों से करीब 40 करोड़ रुपए की राशि दूसरे चरण के लिए मंजूर करवाई थी। इतनी ही राशि से प्रोजेक्ट का पहले चरण का कार्य पूरा हुआ था। डॉ. भीम राव अंबेडकर चौक के नजदीक से दूसरे चरण का कार्य प्रारंभ हुआ है। वरिष्ठ भाजपा नेता गोबिंद कांडा ने प्रोजेक्ट के तहत बड़ी पाइप लाइन डालने के कार्य का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि करीब 80 करोड़ रुपए का यह महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट सिरसा वासियों के लिए बड़ी सौगात है। प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद सिरसा में कहीं भी जलभराव नहीं होगा।
सेठ तुला राम झुंथरा धर्मशाला के नजदीक इस प्रोजेक्ट के तहत सड़क की खुदाई शुरू हुई है। जेसीबी की सहायता से सड़क की खुदाई कर बड़ी पाइप लाइन डाली जा रही है। वरिष्ठ भाजपा नेता गोबिंद कांडा ने प्रोजेक्ट के दूसरे चरण का कार्य शुरू हो जाने पर खुशी व्यक्त की। इस कार्य का निरीक्षण करने पहुंचे गोबिंद कांडा ने कहा कि पूर्व मंत्री भाई गोपाल कांडा ने अपने कार्यकाल के दौरान यह प्रोजेक्ट मंजूर करवाया था। सिरसा के चौतरफा विकास के लिए यह प्रोजेक्ट बड़ी भूमिका निभायेगा। पहले चरण में करीब 40 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। आधा शहर कवर हुआ था। विधानसभा चुनाव से पहले दूसरे चरण के कार्य का टेंडर हुआ था। आचार संहिता की वजह से कार्य शुरू नहीं हुआ। अब प्रोजेक्ट के दूसरे चरण का कार्य शुरू हुआ है। भगवान परशुराम चौक से डॉक्टर भीम राव अंबेडकर चौक तक जलभराव अधिक रहता है।
बरसात के दौरान आम जन को कठिनाई का सामना करना पड़ता है। अब दूसरे चरण के पूरा होने के बाद समस्या का स्थाई समाधान होगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की सोच साकारात्मक है। सिरसा के विकास के लिए जब भी भाई गोपाल कांडा उनसे मिले हैं, सीएम ने सकारात्मक रुख दिखाया है। गोबिंद कांडा ने दावा किया कि सिरसा के कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट चल रहे हैं।
ऐसे कई विकास कार्य हैं जो भाई गोपाल कांडा ने सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजे थे। उन कार्यों को भी सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है। उन्होंने विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा कि केवल बातें बनाने से विकास नहीं होता। योजनाएं बनाना और उन्हें स्वीकृति दिलवाने के लिए मजबूत पैरवी करनी पड़ती है।