खाटू श्याम बाबा: हारे का सहारा, बाबा श्याम हमारा, खाटूश्याम जी का महत्व

राजस्थान के सीकर में हारे का सहारा, बाबा श्याम हमारा खाटू श्याम मंदिर है। इस मंदिर की आस्था इतनी है कि दिनभर भीड़ बाबा के भक्तों की लगी रहती है।
आपको बता दें कि बाबा श्याम का तिलक श्रृंगार काली अमावस्या के बाद उतार दिया जाता है, और इसके बाद बाबा श्याम करीबन 7 दिन तक मूल रूप से शालिग्राम में भक्तों को दर्शन देते हैं. इसके कुछ दिनों बाद बाबा का विशेष तिलक श्रृंगार किया जाता है, जिसमें 12 से 15 घंटे का वक्त लगता है. श्याम के विशेष श्रृंगार में करीबन 5 से 6 घंटे का वक्त लगता है. इसी कारण, बाबा श्याम के मंदिर के कपाट आम दर्शनों के लिए 19 घंटे बंद रहेंगे.
खाटूश्याम जी का महत्व
आपको बता दें कि बाबा खाटू श्याम की काफी मान्यता है, दरअसल खाटूश्याम, भीम के पोते और घटोत्कच के बेटे बर्बरीक के रूप में जाने जाते हैं। बर्बरीक में बचपन से ही वीरता और महान योद्धा के गुण थे। उन्होंने भगवान शिव को प्रसन्न कर 3 अभेद्य बाण प्राप्त किए थे, इसीलिए उन्हें 3 बाण धारी भी कहा जाता है।
महाभारत युद्ध के दौरान बर्बरीक कौरवों की तरफ से युद्ध में शामिल होने जा रहे थे, लेकिन भगवान कृष्ण ने ब्राह्मण के रूप में आकर उनसे उनका शीश दान में मांग लिया। बर्बरीक ने बिना संकोच भगवान कृष्ण को अपना शीश दान कर दिया. भगवान कृष्ण ने प्रसन्न होकर बर्बरीक को कहा, "बर्बरीक, तुम्हें कलयुग में श्याम के नाम से पूजा जाएगा, और तुम अपने भक्तों के हारे का सहारा बनोगे।