Maha Kumbh: महाकुंभ से घर पर लेकर आए जल का ऐसे रखें ध्यान अन्यथा बढ़ जाएगी जिंदगी में परेशानी

महाशिवरात्रि के पवित्र स्नान पर बुधवार को महाकुंभ 2025 का आखिर दिन है। महाकुंभ में बुधवार को महाशिवरात्रि पर स्नान के लिए व्यापक इंतजाम किए गये। आपको बता दें कि महाकुंभ में अब तक रिकॉर्ड करीबन 65 करोड़ से अधिक श्रद्धालु आ चुके हैं।
महाकुंभ में स्नान के साथ लोगों ने अमृत स्नान के बाद गंगाजल और गंगारज घर ले जाने से कष्ट दूर होते हैं और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। गंगाजल को तांबे, पीतल या एल्युमिनियम के बर्तन में रखें। घर में गंगाजल रखने से नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है। इससे सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ जाता है।
ज्योतिषचार्य पंडित एसके शर्मा ने बताया कि घर में खुशहाली आती है, तीर्थक्षेत्र से आने वाला जल घर में हर मांगलिक कार्य में कार्य आता है। इस जल की घर,दुकान, फैक्ट्री आदि में पूजन के लिये भी गंगाजल की आवश्यकता होती है।
उन्होंने आगे बताया कि गंगाजल को हिंदू धर्म में बहुत पवित्र माना गया है. यदि महाकुंभ से गंगाजल लेकर आए हैं ं तो उसको घर में रखने के लिए ये सावधानी भी ध्यान में रखें. इसकी शुद्धता और पवित्रता का ध्यान रखना परम आवश्यक है।
आपको बता दें कि घर के जिस स्थान पर गंगाजल रखा गया है उसे स्थान पर मांस मदिरा का सेवन करने से ग्रह दोष लगता है। इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं।
इसी के साथ ही प्लास्टिक की बोतल अथवा प्लास्टिक डिब्बे के अंदर गंगाजल रखना अशुद्ध माना जाता है. गंगाजल रखने के लिए तांबे के बर्तन अथवा पीतल या एल्युमिनियम के बर्तन का ही प्रयोग करें।
यदि गंगाजल को चांदी के बर्तन में सहेज कर घर के अंदर मंदिर में रखते हैं तो इससे आपको मानसिक रूप से मजबूती मिलती है।
जन्म कुंडली में चंद्रमा अच्छे परिणाम देने लगता है, मानसिक बीमारियों से छुटकारा मिलता है.
दैनिक रूप से आवास के चारो तरफ गंगाजल छिड़काव करने से नजर दोष, वास्तु दोष एवं नकारात्मक शक्तियों से बचाव होता है।
इसी के साथ ही घर के मुख्य द्वार पर जल का छिड़काव करने से सकारात्मक ऊर्जा आकर्षित होती है। इतना ही नहीं, घर की शुद्धि भी होती है।
गंगाजल को स्पर्श करने से पहले आपको अपनी शुद्धता और पवित्रता का विशेष ध्यान रखें. मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को गंगाजल न छुए. मासिक धर्म के दौरान गंगाजल रखे कमरे में भी महिलाएं न जाए, गंगाजल का प्रयोग करने से पहले उसे प्रणाम करें, यदि निकालते समय गंगाजल जमीन पर गिर जाये तो उसे हाथ से साफ करके मस्तक पर लगा लेें।