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मिशन रानीगंज फिल्म से चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय के प्रबंधन विभाग के छात्रों सीखे प्रबंधन के गुण

मिशन रानीगंज भारतीय हिन्दी भाषा की सर्वाइवल थ्रिलर फिल्म है
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मिशन रानीगंज भारतीय हिन्दी भाषा की सर्वाइवल थ्रिलर फिल्म है

mahendra india news, new delhi

हरियाणा के सिरसा में स्थित चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय के प्रबंधन विभाग के छात्रों ने फिल्म मिशन रानीगंज से े प्रबंधन के गुण सीखे। भारतीय सिनेमा दुनिया भर में अपने अद्वितीय और रोचक कहानियों के लिए प्रसिद्ध है। यह विविधता का स्रोत है, जिसमें हर रूप, रंग, और भाषा का सिनेमा देखने को मिलता है। भारतीय सिनेमा ने विश्व भर में अपनी पहचान बनाई है और कई अद्वितीय फिल्मों के लिए सम्मान प्राप्त किया है। शुक्रवार को राष्ट्रीय सिनेमा का दूसरा एडिशन मनाया गया।
 


इस कड़ी में प्रबन्धन विभाग के छात्र छात्राओं ने शुक्रवार को फिल्म मिशन रानीगंज के माध्यम से प्रबंधन के गुण सीखे। मिशन रानीगंज भारतीय हिन्दी भाषा की सर्वाइवल थ्रिलर फिल्म है। विभाग के छात्र सुजल ने बताया कि फिल्म रानीगंज आईआईटी धनबाद के एक बहादुर और मेहनती खनन इंजीनियर जसवन्त सिंह गिल पर आधारित है जिन्होंने 1989 में रानीगंज कोलफील्ड् में फंसे 65 खनिक श्रमिकों को बचाया था।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अजमेर सिंह मलिक के दिशा निर्देशन में चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास को लेकर लगातार प्रयासरत है जिसमें कक्षा अध्ययन के साथ साथ व्यवहारिक ज्ञान होना अति आवश्यक है। इसलिए विद्यार्थियों को फिल्मों के माध्यम से रोचक जानकारी उपलब्ध करवाने के मकसद से प्रबंधन विभाग ने एक नई शुरुआत की। 

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विश्वविद्यालय के यूएसजीएस के डीन प्रोफेसर सुशील कुमार ने विद्यार्थियों को फिल्मों के सामान्य जीवन पर पड़ने वाले प्रभावो को लेकर चर्चा करते हुए बताया कि फिल्म समाज का अभिन्न अंग है जो बेहद संवेदनशील विषयों को रोचकता के माध्यम से समाज के सामने प्रस्तुत करती है। इस अवसर पर विभाग की प्राध्यापक डॉ नियति चौधरी, डॉ हरदर्शन कौर, नेहा अरोड़ा, अस्मिता चौधरी ने भी फिल्मों का विद्यार्थी जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर विस्तृत चर्चा की।