home page

कुत्ते के काटने पर पीडि़त को मिलेगा मुआवजा, हर दांत के निशान पर मिलेंगे 10 हजार


कुत्तों को बिना जंजीर लेकर घूमने वाले लोगों पर जुर्माना लगाने जैसा रास्ता अपना सकती है

 | 
कुत्तों

mahendra india news, new delhi

आजकल खतरनाक किस्म के कुत्ते लोग पाल रहे हैं। यह कई लोगों को काटने के बार बार मामले सामने आ रहे हैं। बता दें कि लावारिस पशुओं को नियंत्रित करने में नाकाम रहना अब पंजाब, haryana सरकार और चंडीगढ़ प्रशासन को भारी पड़ेगा। Punjab-Haryana हाईकोर्ट ने अब लावारिस व पालतू कुत्ते के काटने के मामले में प्रति दांत के निशान पर 10 हजार रुपये मुआवजा तय कर दिया है। 


इसी के साथPunjab-Haryana कोर्ट ने मांस नोचने की स्थिति में प्रति 0.2 सेंटीमीटर के लिए 20 हजार रुपये का भुगतान करना होगा। इसी के साथ साथ मुआवजा राशि जारी होने में देरी न हो इसके लिए हाईकोर्ट ने सीधे तौर पर सरकार की जिम्मेदारी तय की है, हालांकि बाद में इसे संबंधित विभागों या दोषियों से वसूल किया सकेगा।

आपको बता दें कि Punjab-Haryana हाईकोर्ट लावारिस पशुओं के कारण होने वाले सडक़ हादसों को लेकर 193 याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था। इसी को लेकर अदालत को बताया गया कि हरियाणा व पंजाब सरकार ने जानवरों के कारण होने वाले सडक़ हादसों में जान गंवाने वालों को मुआवजा देने के लिए योजना तैयार कर ली है, लेकिन चंडीगढ़ प्रशासन व एनएचएआई ने नहीं की है। 

WhatsApp Group Join Now


आपको बता दें कि सुनवाई के दौरान Punjab-Haryana हाईकोर्ट ने कुत्ते के काटने की बढ़ती घटनाओं को लेकर भी चिंता जताई। हाईकोर्ट ने राम दुलारी बनाम यूटी प्रशासन मामले की फाइल देखी और पाया कि याची के पति शिव शंकर को पंजाब व हरियाणा सचिवालय के पास कुत्ते ने हमला कर साइकिल से गिरा दिया गया था। उसे आस-पास के राहगिरों ने बचाया था और जीएमएसएच 16 में भर्ती कराया गया। हालत बिगडऩे पर उसे पीजीआई भेजा गया और रैबीज के कारण उसकी मौत हो गई थी। 

कुत्ता घुमाने पर लगा सकते हैं जुर्माना
इसी के साथ सरकार चाहे तो कुत्तों को बिना जंजीर लेकर घूमने वाले लोगों पर जुर्माना लगाने जैसा रास्ता अपना सकती है। कुत्तों का शिकार हुए लोगों को मुआवजा मिलने में देरी नहीं होनी चाहिए। हाईकोर्ट ने प्रशासन को इस बारे में 2012 में नीति बनाने का आदेश दिया था। लेकिन इस आदेश का अभी तक पालन ही नहीं किया गया।

चार माह के भीतर देना होगा मुआवजा
आपको बता दें कि हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया कि प्रदेश की सभी एजेंसियों के लिए प्रदेश  जिम्मेदार है और ऐसे में मुआवजा देने की जिम्मेदारी सीधे तौर पर प्रदेश सरकार की होगी। हाईकोर्ट ने  Punjab-Haryana सरकार व चंडीगढ़ प्रशासन को मुआवजे का निर्धारण करने के लिए समितियां बनाने के आदेश दिए हैं। इन समितियों को आवेदन मिलने के बाद 4 महीने के भीतर मुआवजा राशि जारी करनी होगी। जिला स्तर पर ये समितियां संबंधित डिप्टी कमिश्नरों की अध्यक्षता में गठित की जाएंगी।