home page

Haryana News: हरियाणा सरकार बड़ा फैसला! पटवारियों को पढ़ाया जाएगा ये मैन्युअल कोर्स

 हरियाणा में भर्ती होने वाले पटवारियों को उर्दू और लैंड रिकॉर्ड मैनुअल पढ़ाने के लिए छह महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी।
 | 
हरियाणा सरकार बड़ा फैसला! पटवारियों को पढ़ाया जाएगा ये मैन्युअल कोर्स

 हरियाणा में भर्ती होने वाले पटवारियों को उर्दू और लैंड रिकॉर्ड मैनुअल पढ़ाने के लिए छह महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके लिए फिलहाल राज्य में दो ट्रेनिंग स्कूल हैं। इन ट्रेनिंग स्कूलों में राज्य में चयनित 2713 पटवारियों को शिफ्ट में अलग-अलग ट्रेनिंग दी जाएगी। यहां उन्हें छह अलग-अलग विषय पढ़ाए जाएंगे। गणित, बेसिक हिंदी, उर्दू, कंप्यूटर, लैंड रिकॉर्ड मैनुअल के अलावा जमीन से जुड़े अलग-अलग एक्ट पढ़ाए जाएंगे।

ज्वाइन करने के बाद ट्रेनिंग का काम शुरू

पेपर भी लिए जाएंगे, जिन्हें पास करने के बाद ही स्टेशन अलॉट किए जाएंगे। इन परीक्षाओं में प्राप्त अंकों के आधार पर स्टेशन अलॉट भी किए जाएंगे। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि पिछले महीने सरकार ने रेवेन्यू डिपार्टमेंट में पटवारियों की भर्ती की है। पटवारियों के साथ-साथ ग्राम सचिव, क्लर्क समेत कई पदों पर भर्ती की गई है। सभी कर्मचारियों को स्टेशन अलॉट किए जा चुके हैं। रेवेन्यू पटवारी ने पंचकूला में ज्वाइन कर लिया है। ज्वाइन करने के बाद अब ट्रेनिंग का काम शुरू हो गया है।

रेवेन्यू डिपार्टमेंट के पुराने रिकॉर्ड उर्दू में हैं

लैंड रिकॉर्ड डिपार्टमेंट के डायरेक्टर महाराष्ट्र चुनाव में ड्यूटी पर हैं। राजस्व विभाग में पुराने रिकार्ड उर्दू में ही हैं। जमीन से जुड़े पुराने कामों के लिए उर्दू शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है। राजस्व पटवारी के अधिकतर कामों के लिए उर्दू शब्दों का इस्तेमाल होता है, जिसमें बड़ी देह, मौजा, हदबस्त, मिसाल हकीकत, जमाबंदी, इंतकाल, खसरा गिरदावरी, शजरा नसाब और पैमाइश समेत 150 से ज्यादा शब्दों का इस्तेमाल आज भी पटवारी अपने काम में करते हैं। ऐसे में नए अभ्यर्थियों को उर्दू का ज्ञान देने के लिए उन्हें ट्रेनिंग दी जाएगी।

WhatsApp Group Join Now

पहले पांच ट्रेनिंग स्कूल थे, अब सिर्फ दो
राजस्व विभाग में कार्यरत वरिष्ठ कानूनगो बलबीर का कहना है कि पहले प्रदेश में 5 ट्रेनिंग स्कूल थे। अब हिसार और पंचकूला में सिर्फ 2 ट्रेनिंग स्कूल हैं। ऐसे में यहां भी नए चयनित पटवारियों को दो शिफ्ट बनाकर ट्रेनिंग दी जाएगी, यानी पहले आधे पटवारियों को स्कूल में ट्रेनिंग दी जाएगी। आधे पटवारियों को फील्ड ट्रेनिंग के लिए वरिष्ठ पटवारियों के पास भेजा जाएगा। प्रशिक्षण अगले महीने से शुरू होगा और इसके लिए कार्यक्रम जारी किया जाएगा।