home page

haryana में की अनाज मंडियों में अभी तक 577.46 लाख क्विंटल धान की हुई खरीद

अनाज मंडियों में इस भाव से बिक रहा है धान 
 | 
अनाज मंडियों में इस भाव से बिक रहा है धान 

mahendra india news, new delhi

haryana की मंडियों में खरीफ विपणन सीजन- 2023 के दौरान धान व बाजरे की खरीद सुचारू रूप चल रही है। अभी तक 577.46 लाख क्विंटल बासमती और गैर बासमती किस्म की धान की खरीद हुई है। वहीं अभी तक 2023 तक 40.84 लाख क्विंटल बाजरा खरीदा जा चुका है। haryana राज्य कृषि विपणन बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक पिछले वर्ष इस अवधि तक 560.80 लाख क्विंटल धान खरीदी गई थी। 


इस आंकड़े से साफ है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल अब तक 17 लाख क्विंटल धान ज्यादा खरीदी गई है। इस वर्ष सामान्य धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,183 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड-ए धान का समर्थन मूल्य 2,203 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित है। वर्ष 2022-23 में सामान्य धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2040 रुपये और  ग्रेड-ए धान का समर्थन मूल्य 2060 रुपये था।

वर्ष 2022-23 में कुल 945.68 लाख क्विंटल धान खरीदा गया था। haryana में अभी इस लक्ष्य से 368.22 लाख क्विंटल पीछे है लेकिन संभावना है कि आने वाले समय में इस लक्ष्य को पार पाते हुए  haryana में धान की रिकार्ड खरीद होगी। यहां यह उल्लेखनीय है कि धान की खरीद के साथ ही प्रदेश की मंडियों में समय पर इसकी लिफ्टिंग भी सुनिश्चित की जा रही है। 

WhatsApp Group Join Now


haryana की मंडियों से 516.85 लाख क्विंटल धान की लिफ्टिंग हो चुकी है जबकि 43.46 लाख क्विंटल धान की लिफ्टिंग शेष है। समय पर लिफ्टिंग होने से जहां आढ़तियों और किसानों की परेशानी कम हुई है वहीं खुले में पड़ी फसल के खराब होने का खतरा भी कम हुआ है।

haryana प्रदेश की मंडियों में बाजरा की खरीद भी सुगमता से चल रही है। अब तक 40.84 लाख क्विंटल बाजरा खरीदा जा चुका है, इसमें से 36.34 लाख क्विंटल बाजरे की लिफ्टिंग की जा चुकी है। केवल 3.69 लाख क्विंटल बाजरे को लिफ्ट किया जाना बाकी है। वर्ष 2022-23 में मंडियों में 19.94 लाख क्विंटल बाजरे की आवक हुई थी जबकि इस वर्ष अब तक 40.84 लाख क्विंटल बाजरा खरीदा जा चुका है जो कि पिछले वर्ष से दोगुना है।

 वर्ष 2022-23 में बाजरा का न्यूनतम समर्थन मूल्य  2350 रुपए निर्धारित किया गया था। वहीं वर्ष 2023-24 के लिए haryana सरकार ने बाजरा का न्यूनतम समर्थन मूल्य  2500 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। इस फसल को प्रदेश सरकार ने भावांतर भरपाई योजना में शामिल किया है ताकि किसानों को किसी तरह का नुकसान ना हो।